AYURVEDIC MANAGEMENT OF BPH:-
पौरुष-ग्रन्थीय-सौम्यवृद्धि की आयुर्वेदिक चिकित्सा:-
पौरुष-ग्रन्थीय-सौम्यवृद्धि की आयुर्वेदिक चिकित्सा:-
पौरुष-ग्रन्थीय-सौम्यवृद्धि (Benign Prostatic Hyperplasia - BPH) अधिकांश पुरुषों में आयु बढ़ने के साथ होने वाला एक सामान्य रोग है। इसका मुख्य कारण दुष्ट अपान-जन्य (DHT) पौरुषग्रन्थिगत कोषाणुवृद्धि (Hyperplasia) है।
पौरुष-ग्रन्थीय-सौम्यवृद्धि (Benign Prostatic Hyperplasia - BPH) रोग की चिकित्सा हेतु निम्न चिकित्सा-सूत्रों व औषध-समूहों का उपयोग कर सकते हैं -
1. पौरुष-ग्रन्थीय-सौम्यवृद्धिहर औषधियाँ (5-Alpha-reductase inhibitor drugs):-
i. Single drugs:
दारुहरिद्रा,
दालचीनी,
चित्रक,
इन्द्रवारुणी,
हरिद्रा,
वरुण,
कूष्माण्ड,
कैडर्य,
गोरखमुण्डी,
रामतुलसी,
आकाशवल्ली।
ii. Proprietary medicines:
इम्यूनी (IMUNIE) टैबलॅट,
दारुहरिद्रा टैबलॅट,
दालचीनी टैबलॅट,
चित्रक टैबलॅट,
हरिद्रा टैबलॅट,
वरुण टैबलॅट,
कैडर्य टैबलॅट,
गोरखमुण्डी टैबलॅट,
तुलसी टैबलॅट,
आकाशवल्ली टैबलॅट।
iii. Classical formulations:
रसाञ्जन वटी,
चित्रक-हरीतकी,
हरिद्रा-खण्ड,
वरुण-शिग्रु क्वाथ,
रामतुलसी स्वरस,
मुण्ड्यादि क्वाथ।
2. अपान-वात-शामक औषधियाँ (Alpha 1-adrenoceptor blocker drugs):-
i. Single drugs:
उत्पल,
2. अपान-वात-शामक औषधियाँ (Alpha 1-adrenoceptor blocker drugs):-
i. Single drugs:
उत्पल,
कार्पास-पत्र,
राज-पाठा,
हरमल-बीज।
ii. Proprietary medicines:
उत्पल टैबलॅट,
कार्पास-पत्र टैबलॅट,
राज-पाठा टैबलॅट,
हरमल टैबलॅट ।
iii. Classical formulations:
अरविंदासव,
उत्पल चूर्ण,
कार्पास-पत्र चूर्ण,
राज-पाठा क्वाथ,
हरमल-बीज चूर्ण ।
3. जीवाणुहर औषधियाँ (Anti-bacterial drugs):-
जीवाणु-जन्य संक्रमण व उससे होने वाली पौरुष-ग्रन्थि-शोथ (Prostatitis) में निम्न जीवाणुहर औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं -
i. Single drugs:
चिरायता,
3. जीवाणुहर औषधियाँ (Anti-bacterial drugs):-
जीवाणु-जन्य संक्रमण व उससे होने वाली पौरुष-ग्रन्थि-शोथ (Prostatitis) में निम्न जीवाणुहर औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं -
i. Single drugs:
चिरायता,
अतिविषा,
गुग्गुलु,
भल्लातक,
मञ्जिष्ठा,
सारिवा,
भूम्यामलकी,
निम्ब,
वरुण,
शिग्रु,
कटुकी,
कालमेघ,
हरिद्रा,
गन्धक,
यशद,
स्फटिक,
शिलाजतु,
मल्ल,
पारद,
ताम्र,
वंग,
त्रिवंग,
सुवर्ण ।
ii. Proprietary medicines:-
इन्फ़ैक्सी (INFEXIE) टैब्लॅट,
रिवप्लाॅक (REVPLAQ) टैबलॅट,
फ़ाइलोसिल (PHYLOCIL) टैबलॅट,
चिरायता टैबलॅट,
अतिविषा टैबलॅट,
सारिवा टैबलॅट,
निम्ब टैबलॅट,
वरुण टैबलॅट,
शिग्रु टैबलॅट,
कालमेघ टैबलॅट,
हरिद्रा टैबलॅट,
शिलाजतु टैबलॅट।
iii. Classical formulations:
सुदर्शन चूर्ण / घनवटी,
अतिविषादि चूर्ण,
गन्धक रसायन,
कैशोर गुग्गुलु,
गोक्षुरादि गुग्गुलु,
गुडूची घनवटी,
त्रिफला गुग्गुलु,
पञ्चतिक्त-घृत गुग्गुलु,
अमृता गुग्गुलु,
अमृताष्टक क्वाथ,
दशमूल क्वाथ,
महा-मञ्जिष्ठादि क्वाथ,
सारिवादि वटी,
अमृत-भल्लातक,
आरोग्यवर्धिनी,
मल्ल सिन्दूर,
समीरपन्नग रस,
ताम्र सिन्दूर,
स्फटिक भस्म,
सुवर्ण-वसन्त-मालती रस।
4. मूत्र-मार्गगत-शोथहर औषधियाँ (Urinary anti-inflammatory drugs):-
जीवाणु-जन्य संक्रमण व उससे होने वाली पौरुष-ग्रन्थि-शोथ में निम्न मूत्र-मार्गगत-शोथहर औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं -
i. Single drugs:
शिग्रु,
4. मूत्र-मार्गगत-शोथहर औषधियाँ (Urinary anti-inflammatory drugs):-
जीवाणु-जन्य संक्रमण व उससे होने वाली पौरुष-ग्रन्थि-शोथ में निम्न मूत्र-मार्गगत-शोथहर औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं -
i. Single drugs:
शिग्रु,
वरुण,
गुग्गुलु,
शल्लकी,
दशमूल,
हरिद्रा,
शुण्ठी,
पारिजात।
ii. Proprietary medicines:
लोस्वैल (LOSWEL) टैब्लॅट,
ज़िन्चैब (ZINCHEB) टैबलॅट,
गुग्गुलु टैबलॅट,
शिग्रु टैबलॅट,
वरुण टैबलॅट,
दशमूल टैबलॅट,
हरिद्रा टैबलॅट,
पारिजात टैबलॅट ।
iii. Classical formulations:
त्रिफला गुग्गुलु,
गोक्षुरादि गुग्गुलु,
अश्वगन्धादि चूर्ण,
दशमूल क्वाथ,
हरिद्रा-खण्ड,
त्रिकटु चूर्ण,
चित्रक-हरीतकी,
शिग्रु-गुग्गुलु,
पञ्चकोल चूर्ण।
5. मूत्रक्षारीय / मूत्रल औषधियाँ (Urinary alkalizers / Diuretic drugs):-
जीवाणु-जन्य संक्रमण व उससे होने वाली पौरुष-ग्रन्थि-शोथ व पैत्तिक-मूत्रकृच्छ्र (UTI) में निम्न मूत्रक्षारीय / मूत्रल औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं -
i. Single drugs:
भूम्यामलकी,
5. मूत्रक्षारीय / मूत्रल औषधियाँ (Urinary alkalizers / Diuretic drugs):-
जीवाणु-जन्य संक्रमण व उससे होने वाली पौरुष-ग्रन्थि-शोथ व पैत्तिक-मूत्रकृच्छ्र (UTI) में निम्न मूत्रक्षारीय / मूत्रल औषधियों का प्रयोग कर सकते हैं -
i. Single drugs:
भूम्यामलकी,
पुनर्नवा,
गोक्षुर,
वरुण,
उशीर,
गुडूची,
पाषाणभेद,
शिलापुष्प,
सहदेवी,
कासनी,
चन्दन,
कल्मीशोरा।
ii. Proprietary medicines:
यूरिस्टोन्ज़ (URISTONZ) टैबलॅट,
फ़ाइलोसिल (PHYLOCIL) टैबलॅट,
लिवी (LIVIE) टैब्लॅट,
पुनर्नवा टैबलॅट,
गोक्षुर टैबलॅट,
वरुण टैबलॅट,
पाषाणभेद टैबलॅट,
सहदेवी टैबलॅट,
कासनी टैबलॅट,
तृणपंचमूल टैबलॅट।
iii. Classical formulations:
पुनर्नवाष्टक क्वाथ,
गोक्षुरादि गुग्गुलु/चूर्ण,
अमृता-सत्व,
वरुण-शिग्रु क्वाथ,
उशीरासव,
चन्दनासव,
श्वेतपर्पटी।
DM US -@ayur.medicus
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