स्तन्यपान कराने वाली महिलाओं में दूध का उत्पादन कैसे बढ़ायें ? HOW TO INCREASE MILK PRODUCTION IN BREAST-FEEDING MOTHERS ?


स्तन्यपान कराने वाली महिलाओं में दूध का उत्पादन कैसे बढ़ायें?

(How to Increase
MILK PRODUCTION IN BREAST-FEEDING MOTHERS?)

•स्तनपान कराने (दूध पिलाने) वाली माताओं (Breast-feeding mothers) में दूध का कम बनना (Hypo-galactia) अथवा दूध का न बनना (Agalactia) आम समस्याएँ हैं, जिनका उपचार करना अनिवार्य होता है।
>दूध कम क्यों बनता है (Why does low milk production occur?):

जब स्तन्यपान कराने (दूध पिलाने) वाली कोई महिला आपके पास, स्तन्य-अल्पता (Low milk production) की शिकायत लेकर आती है तो आपको सबसे पहले दूध के कम उत्पादन के कारण ढूँढने चाहिए। 

>अधिकांश महिलाओं में निम्न कारणों से दूध कम बनता है - 
• हो सकता है कि उस महिला में दूध की ग्रंथियां जन्मजात ही कम हों (Insufficient milk glands); 

• उस महिला को पी.सी.ओ.डी. (PCOD) हो, अर्थात् उसके बीजकोषों (Ovaries) में बीजोत्सर्ग न होने से ग्रन्थियाँ (Cysts) बन रही हों;

• उस महिला को हाइपो-थायरॉयडिज्म (Hypo-thyroidism) हो; 

• उसकी पिच्युटरि ग्रन्थि (Pituitary gland), दूध बनवाने वाले हार्मोन (प्रोलैक्टिन - Prolactin) का उत्पादन आवश्यकता से कम कर रही (Hypo-prolactinemia) हो;

• उस महिला का रक्तचाप बढ़ने (Hypertension) से ऐसा हो रहा हो; 

• वह महिला धूम्रपान (Tobacco smoking) करती हो; 

• वह महिला कुछ ऐलोपैथिक दवायें ले रही हो, जैसे - स्यूडो-इफेड्रिन (Psyedo-ephedrine),

मूत्रल दवायें (Diuretic drugs), गर्भनिरोधक गोली (Contraceptive pill), इत्यादि।
>चिकित्सा (Treatment):
कम दुग्ध उत्पादन (स्तन्य-अल्पता - Hypogalactia) का आयुर्वैदिक उपचार निम्न प्रकार से किया जा सकता है -

1. दूध का उत्पादन बढ़ाने वाली (स्तन्य) औषधियों (Lactogenic drugs) का प्रयोग करें:

दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए आप आयुर्वेद की निम्न स्तन्य औषधियों (Lactogenic drugs) का युक्तिपूर्वक प्रयोग कर सकते हैं -

जीवन्ती (Jivanti) - इसे आप जीवन्ती चूर्ण अथवा जीवन्ती घन टैब्लॅट (Jivanti ghan tab) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं;
• *शतावरी* (Shatavari) - इसे आप शतावरी चूर्ण अथवा शतावरी घन टैब्लॅट (Shatavari ghan tab) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं;
*मेथी* (Methi) - इसे आप मेथी चूर्ण अथवा मेथी घन टैब्लॅट (Methi ghan tab) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं;
• *शटी* (Shati) - इसे आप शटी चूर्ण अथवा शटी घन टैब्लॅट (Shati ghan tab) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं;
• *कोकिलाक्ष* (Kokilaksha) - इसे आप कोकिलाक्ष चूर्ण अथवा कोकिलाक्ष घन टैब्लॅट (Kokilaksha ghan tab) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं;
• *कुशा* (Kusha) - इसे आप कुशा चूर्ण अथवा कुशा घन टैब्लॅट (Kusha ghan tab) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं;
• *काश* (Kasa) - इसे आप कास चूर्ण अथवा काश घन टैब्लॅट (Kasa ghan tab) के रूप में प्रयोग कर सकते हैं।

*2. रसायन औषधियों (Antioxidant drugs) का प्रयोग करें:*
दुग्धपान कराने वाली महिला के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार के लिए आप निम्न रसायन (General tonic) औषधियों का उपयोग कर सकते हैं -
• *शिलाजतु* (Shilajatu);
• *आमलकी* (Amalaki);
• *अभ्रक* (Abhrak);
• *यशद* (Yashad);
• *मुक्ताशुक्ति* (Muktashukti);
• *स्वर्ण-माक्षिक* (Svarna-makshik);
• *गन्धक* (Sulphur); इत्यादि।

उपरोक्त रसायन औषधियों (Antioxidant drugs) में मौजूद खनिज (Minerals, Trace minerals, Nano-minerals) तथा जीवनीय-सी (Vitamin C) दुग्धपान कराने वाली महिला के सामान्य स्वास्थ्य में सुधार करके दूध का उत्पादन बढ़ाने में सहायक हो सकते हैं। 

इन रसायन औषधियों को आप एकल औषध के रूप में प्रयोग कर सकते हैं .

*3. निदान-परिवर्जन करें (Avoid / Manage the Underlying Cause):*
उपरोक्त उपचार के साथ-साथ आपको मूलभूत कारणों को दूर करने तथा व रोगों का उपचार करने का भी प्रयास करना अनिवार्य है। यथा -

• पी.सी.ओ.डी. (PCOD) के उपचार के लिए आप फर्टी-ऍफ टैब्लॅट (Fertie-F tab) + ग्लाइसी टैब्लॅट (Glycie tab) का उपयोग कर सकते हैं;
• हाइपो-थायराॅयडिज्म (Hypo-thyroidism) के उपचार के लिए थायरिन टैब्लॅट (Thyrin tab) + रिवप्लाॅक टैब्लॅट (Revplaq tab) का उपयोग कर सकते हैं;
• हाइपो-प्रोलैक्टिनीमिया (Hypo-prolactinemia) के उपचार के लिए जीवन्ती घन टैब्लॅट (Jivanti ghan tab) + शतावरी घन टैब्लॅट (Shatavari ghan tab) अथवा मेथी घन टैब्लॅट (Methi ghan tab) का उपयोग कर सकते हैं;
• उच्च रक्तचाप (Hypertension) के उपचार के लिए आप भूमि-आमलकी, शंखपुष्पी, पुनर्नवा, मण्डूकपर्णी, जटामाँसी आदि औषधियों के चूर्ण अथवा इनसे बनी समव्यान टैब्लॅट (Samvyan tab) का उपयोग कर सकते हैं;
• धूम्रपान करने वाली महिलाओं को धूम्रपान छोड़ना अनिवार्य है;
• ऐलोपैथिक मूत्रल औषधियों, स्यूडो-इफेड्रिन, तथा गर्भनिरोधक गोली का त्याग भी वाँछित है।

*जीवन्ती (Jivanti) - आदर्श स्तन्य औषधी (Choice Drug for Increasing Milk Production):*
दूध का उत्पादन बढ़ाने वाली आयुर्वैदिक औषधियों में *जीवन्ती (Jivanti)* सबसे उत्कृष्ट है। 
यह निम्न रूप से कार्य करती है -

1. जीवन्ती में अनेकानेक सक्रिय तत्व (Active phyto-compounds) मौजूद रहते हैं, जैसे - लेप्टाडेनोल (Leptadenol), लेप्टिडिन β-सिटोस्टेरॉल (Leptidin β-sitosterol), और β-अमायरिन ऍसिटेट (β-amyrin acetate);
2. ये सक्रिय तत्व (Active phyto-compounds) हाइपो-थैलॅमस (Hypothalamus) में डोपामाइन रिसेप्टर्स को अवरुद्ध करते हैं (Block the Dopamine receptors), और इस प्रकार डोपामाइन की क्रिया को कम करते हैं (Inhibit Dopamine activity);
3. डोपामाइन की घटी हुई क्रिया, पिट्यूटरी ग्रंथि से दूध बनाने वाला हार्मोन - प्रोलैक्टिन (Prolactin) के उत्पादन को बढ़ाती है;
4. इस प्रकार से बढ़ा हुआ प्रोलैक्टिन, स्तन में मौजूद दुग्ध-ग्रन्थियों की क्रिया को बढ़ाता है(Stimulates the activity of alveolar tissue in the breast), जिसके फलस्वरूप  दूध का बढ़ता है।

*जीवन्ती का उपयोग (Usage of Jivanti):*
जीवन्ती का प्रयोग आप निम्न प्रकार से कर सकते हैं -
• जीवन्ती चूर्ण - 3-6 ग्राम, दिन में दो या तीन बार;
• जीवन्ती घन टैब्लॅट (Jivanti ghan tab) 600 मि.ग्राम (= 3 ग्राम जीवन्ती मूल चूर्ण), 1-2 गोलियां दिन में तीन बार शुरू करें। सुधार होने पर, मात्रा कम करते जायें।
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