गृध्रसी (SCIATICA) रोग निदान , लक्षण , चिकित्सा कैसे करें ?

                ❇️ गृध्रसी (Sciatica)❇️

जब कोई रोगी हम से शिकायत करता है, 'मुझे कमर में तीव्र दर्द होता है, जो कूल्हे, टांग के पिछले हिस्से, तथा पैर के बाहरी हिस्से तक फैल जाता है', तो ऐसे में, हम में से अधिकांश आयुर्वेद चिकित्सक निदान करेंगे - 'यह गृध्रसी (Sciatica) हो सकती है, जो 90% रोगियों में कटि-प्रदेशीय मेरुदण्ड (Lumbo-sacral spine) में डिस्क प्रोलैप्स (PIVD) के कारण होता है। प्रोलैप्सड डिस्क से सुषुम्णा से निकलने वाली नाडीयों पर दबाव पड़ता है, जिससे आमतौर पर शूटिंग दर्द होता है, जो कूल्हे से पैर तक जाती है।'


👉🏻पारम्परिक औषधियाँ (Conventional drugs):*
गृध्रसी की चिकित्सा करने के लिए हम प्रायः वेदनाहर व शोथहर औषधियों का प्रयोग करते हैं। ऐसी चिकित्सा से कुछ रोगियों में तो सुधार आ जाता है जबकि अधिकांश में सुधार धीरे-धीरे, कम, अथवा नहीं आता है, व रोगी लम्बे समय तक कष्ट झेलता रहता है।

👉🏻*सही औषधी (Real Remedy):*
सच तो यह है कि ऐसी स्थिति से निबटने के लिये हमें ऐसी औषधी की आवश्यकता रहती है जो न केवल विकृति स्थल पर कार्य करते हुये सूजन और दर्द को कम करे (Anti-inflammatory & Analgesic), अपितु रोगी के मस्तिष्क में मौजूद वेदनाहर तन्त्र को भी क्रियाशील करे (Activate the Analgesic system) तथा इसके साथ-साथ मनोबल (Anti-depressant) भी बढ़ाये।

सौभाग्य से, हमारे पास एक ऐसी औषधी है जो इन मानदंडों में पूरी तरह से खरा उतरती है।

वह औषधी है- 'पारिजात', जिसे शेफालिका (Nyctanthes arbor-tristis) भी कहते हैं।


 शोध से पता चला है कि पारिजात -
• सूजन कम करता है (Anti-inflammatory);
• दर्द से राहत देता है (Analgesic);
• प्रतिरक्षा को नियंत्रित करता है (Immuno-modulator);
• बढ़ा हुआ तापमान कम करता है (Antipyretic);
• मनोबल बढ़ाता है (Anti-depressant), और
• उत्तेजित मन को शांत करता है (Calms down the agitated mind)।

👉🏻 उपलब्धता (Availability):*
पारिजात 600 मि.ग्रा. घन टैब्लॅट के रूप में उपलब्ध है जो पारिजात सूखे पत्तों के 3 ग्राम चूर्ण से निकलता है। 
 
👉🏻*कैसे इस्तेमाल करें (How to use)?*
रोगी के दर्द की गम्भीरता व रोगी के वजन के आधार पर दिन में 3-6 बार 1-2 टैब से शुरू करें। वांछित परिणाम मिलने पर, मात्रा कम करते जायें।

👉🏻 सह-विकृति चिकित्सा करें (Treat the co-morbidity):*
यदि डिस्क प्रोलैप्स के साथ अन्य कोई विकृति नहीं है तो पारिजात घन टैब्लॅट अकेले ही लाभदायक होती है। किन्तु साथ में यदि रोगी को कटिवात (Lumbar spondylosis) की समस्या भी हो तो रसायन दवाओं का भी उपयोग करें -
• अश्वगन्धा, शिलाजतु, यशद 
• कपिकच्छु, अश्वगंधा, शिलाजतु, यशद 
• मुक्ता-शुक्ति, आमलकी, अभ्रक, यशद
_______________



Like❤️share ♻️ subscribe 👍
Follow us on Instagram 👉🏻

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ